
शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के केंद्रीय भाषा संस्थान, मैसूर की भारतवाणी परियोजना में शामिल हुई उनकी पहली कृति बिरहोर- हिंदी- अंग्रेजी शब्दकोश
राँची: यह झारखण्ड राज्य के लिए गर्व की बात है कि लेखक देव कुमार की कृति बिरहोर- हिंदी- अंग्रेजी शब्दकोश भारतवाणी परियोजना में शामिल हो गई है। इस परियोजना में त्रिभाषी शब्दकोश शामिल होने से झारखंड की विलुप्त प्राय भाषा बिरहोर को संरक्षित एवं संवर्धित किया जा सकेगा। बिरहोर जैसी विलुप्त प्राय भाषाओं का संरक्षण बेहद ज़रूरी है क्योंकि ये भाषाएँ न केवल संचार का माध्यम हैं, बल्कि ये एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक ज्ञान का भंडार भी होती हैं।

भारतवाणी परियोजना केंद्रीय भाषा संस्थान, मैसूर की एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका मुख्य उद्देश्य देश की विविध भाषाओं को संरक्षित और प्रचारित करना है। यह शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक स्वायत संस्थान है। देव कुमार की कृति बिरहोर- हिंदी- अंग्रेजी शब्दकोश का इसमें शामिल होना इस बात को दर्शाता है कि लेखक देव कुमार की कृति बिरहोर- हिंदी- अंग्रेजी शब्दकोश की महत्ता को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है।

सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण एवं संवर्धन में निभाएगी महत्वपूर्ण भूमिका
किसी भी समुदाय की भाषा उसकी सांस्कृतिक पहचान का अभिन्न अंग होती है। बिरहोर भाषा के संरक्षण और प्रचार से झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को बचाने में मदद मिलेगी। यह न केवल बिरहोर समुदाय के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह झारखंड की भाषाई विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी मजबूत करता है।
देव कुमार का यह अनूठी कृति झारखंड की भाषाई और सांस्कृतिक समृद्धि को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ज्ञात हो कि देव कुमार की दूसरी कृति “मैं हूँ झारखण्ड” भी अत्यंत लोकप्रिय है जो झारखण्ड के इतिहास, भूगोल, राजव्यवस्था, अर्थव्यवस्था, कला एवं संस्कृति की विस्तृत जानकारी प्रदान करती है।
