बाघमारा अंचल अधिकारी अपने पद का कर रहे है दुरुपयोग – बिजय झा।

प्रेस वार्ता में शामिल बिजय झा एवं ग्राम स्वराज अभियान के जगत महतो एवं अन्य

कतरास : बुधवार को रानी बाजार कतरास में बिजय कुमार झा ने प्रेस वार्ता में बाघमारा अंचल के वर्तमान अंचल अधिकारी बाल किशोर महतो पर अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। झा ने कहा बाघमारा सीओ न तो न्यायालय के आदेश को मानते हैं और ना ही संविधान को। जबकि संविधान में अपने हक अधिकार के लिए विधि सम्मत तरीके से आंदोलन को मौलिक अधिकार बताया गया है। बाघमारा अंचल अधिकारी आम लोगों के आंदोलन और उनके मौलिक अधिकार को केस करके खत्म करना चाहते हैं।

वर्तमान बाघमारा अंचल अधिकारी बाल किशोर महतो के द्वारा रैयत की समस्या समाधान करने के बदले सत्याग्रह/धरना-प्रदर्शन कर रहे सामाजिक एवं आरटीआई एक्टिविस्ट तथा रैयतों पर मिथ्या आरोप लगा कर (सरकारी काम में बाधा पहुँचाने आदि) बाघमारा थाना में केस दर्ज कर दिया गया जिसका FIR संख्या 21/2025  है, जो सरासर गलत है।

देश में सर्वोच्च स्थान संविधान का है – विजय झा


प्रेस को संबोधित करते विजय झा ने कहा देश में सर्वोच्च स्थान संविधान का है देश की कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका तथा मीडिया भी संविधान के दायरे में रहकर ही कार्य करती है लेकिन बाघमारा अंचल के वर्तमान अंचल अधिकारी बाल किशोर महतो संविधान से ऊपर उठकर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कार्य करते हैं यह ना तो न्यायालय के आदेश को मानते हैं और ना ही संविधान को।
उन्होंने कहा कि बाघमारा अंचल कार्यालय परिसर के बाहर दिनांक 29 अप्रैल 2025 को कोई निषेधज्ञा लागू नहीं था एवं स्थानीय पुलिस प्रशासन (बाघमारा थाना) रैयतो के धरना-प्रदर्शन/पुतला दहन कार्यक्रम से भली भांति अवगत थे। 15 से 20 संख्या में पुलिस बल विधि-व्यवस्था के निगरानी में शान्ति पूर्वक रूप से रैयतों के पुतला दहन कार्यक्रम को सम्पन्न करवाए। इस दौरान सभी अखबार एवं इलेक्ट्रोनिक मिडिया कर्मी भी कार्यक्रम स्थल पे उपस्थित थे। परन्तु, दिनांक 01 मई 2025 को अंचल अधिकारी बाल किशोर महतो ने “ग्राम स्वराज अभियान” के प्रमुख सामाजिक एवं आरटीआई एक्टिविस्ट जगत महतो, पत्रकार अरबिन्द कुमार सिन्हा एवं अन्य 10 नामजद रैयतो एवं अन्य अज्ञात पर अंचल कार्यालय का मुख्य द्वार प्रदर्शन के दौरान बंद कर सरकारी काम काज बाधित करने का मिथ्या आरोप लगाकर FIR दर्ज किया, जिसका काण्ड संख्या 21/2025 है।

इस काण्ड के अभियुक्त पुलिस की तामिला नोटिस के अनुसार दिनांक 07 मई 2025 को बाघमारा थाना में गए तो थाना प्रभारी ने अंचल अधिकारी का पक्ष लेते हुए आन्दोलन कर रहे सभी रैयतों को धमकी दिया कि दुबारा अंचल कार्यालय में धरना-प्रदर्शन/पुतला जलाने पर किसी केस में तुमलोग को तुरंत उठा कर जेल में डाल देंगे।
जिस अधिकारी को रैयतों की समस्या समाधान करने का दायित्व है, यदि वह नैतिक रूप से अपने कर्तव्य का निर्वहन करता एवं लोगो का काम करता तो रैयतो को आन्दोलन/धरना-प्रदर्शन करने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती। रैयत बाध्य होकर संविधान के अनुच्छेद 19(1)बी के तहत अपने मौलिक अधिकार के तहत अंचल अधिकारी का लोकंतान्त्रिक बहिष्कार करते हुए वरीय पदाधिकारी/शासन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए आंदोलित हैं, उन्हें लगता है ऐसा करने से शासन पर बैठे लोग संज्ञान लेकर उनके जमीन संबंधी समस्या का निराकरण करा देंगे  I अपने हक अधिकार की माँग करने पर बाघमारा में पुलिस प्रशासन आम नागरिकों के मौलिक अधिकार का हनन कर रही है । क्या FIR दर्ज कराने के बाद सीओ का रैयतों के जमीन से संबंधित समस्याओं के निराकरण का दायित्व ख़त्म हो जाता है ? अंचल अधिकारी बाघमारा सत्याग्रह करने वाले रैयतो पर  FIR करके उसे मिथ्या आरोप में जेल भेजकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की स्वराज की अवधारणा को कुचलने का काम नहीं कर रहें है ?
उन्होंने आगे कहा कि ये जहाँ जाते हैं अपने पद का दुरूपयोग करते हैं जब ये चक्रधरपुर में अंचल अधिकारी थे तब इन पर अवैध रूप से जमीन नामकरण के आरोप में निलंबित हो चुके हैं
उन्होंने कहा कि इस काण्ड में वर्णित आरोप की सत्यता की जाँच भली भाति किसी वरीय पुलिस अधिकारी से SUPERVISION करने के पश्चात पुलिस अग्रेतर कार्यवाई करें एवं लोगो को संविधान द्वारा प्रदत मौलिक अधिकार की रक्षा बाघमारा में सुनिश्चित करें जिससे आम लोगों का विश्वास बढ़ेगा।
प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से विजय कुमार झा, गौतम मंडल, रैयत मणिलाल साव, कमल महतो, दिलीप महतो एवं जगत महतो उपस्थित थे।

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