धनबाद वालों कतरास और बाघमारा को इतने हिकारत के नजरों से न देखों – एक विश्लेषक

धनबाद वालों कतरास और बाघमारा को इतने हिकारत के नजरों से न देखों – एक विश्लेषक

“धनबाद से जुड़े एक अज्ञात विश्लेषक ने नाम गुप्त रखने की अपील पर हमें यह रिपोर्ट भेजी है।”
पढ़िए….
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धनबाद का नया अंतर्राज्यीय बस स्टैंड धनबाद में बनना चाहिए या कतरास में यह बात अरबन प्लानर को तय करने देना चाहिए न की कोई शख्स जिसे इसकी विशेषज्ञता हासिल न हो. आमतौर पर बस स्टैंड शहर के बाहर ही होते है क्योंकि भारी वाहन के प्रवेश से दुर्घटना का खतरा बना रहता है और एक किस्म से बड़े वाहन शहर के पूरी यातायात व्यवस्था को अस्त – व्यस्त कर देती है.

लिलौरी स्थान में प्रस्तावित बस स्टैंड अपने लोकेशन की दृष्टिकोण से काफी सही जगह पर है क्योंकि कुछ ही दूरी पर जीटी रोड है जो इसे दिल्ली – कोलकाता मार्ग से आसानी से जुड़ी है साथ ही इलाके में भी जिले की काफी आबादी बसती है. बाघमारा, कतरास और तोपचांची में रहने वाले लोगों की जिंदगी इस फैसले से आसान हो सकती है. वर्तमान में बरटांड बस स्टैंड में जनसुविधाओं का घोर आभाव है. आधुनिक दौर में जिस किस्म की सुविधा बस स्टैंड में चाहिए वह बरटांड़ में संभव नहीं हो सकता है. ध्यान देने वाली बात है कि जब कोई शहर फैलता है तो नयी जगह की तलाश होती है. दिल्ली फैलते – फैलते नोएड़ा, गुडगांव, गाजियाबाद तक पहुंच गयी. नया धनबाद का विस्तार भी नये इलाके में होगा.

वैसे भी धनबाद, रांची और जमशेदपुर की तुलना में पिछड़ता जा रहा है. अभी तक धनबाद जिला हवाई मार्ग से जुड़ नहीं पाया है.

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