नावागढ़ में श्रद्धालुओं ने उदयगामी भगवान सूर्य को दिया अर्घ्य


नावागढ़ में श्रद्धालुओं ने उदयगामी भगवान सूर्य को दिया अर्घ्य
बाघमारा/धनबाद

“दुनिया कहती है, जिसका उदय हुआ है उसका अस्त होना निश्चित है,
पर यह महापर्व सिखाता है, जो अस्त होता है उसका उदय भी निश्चित है.”

नावागढ़ । लोक आस्था के महापर्व छठ का समापन मंगलवार की सुबह उदयगामी सूर्य को अर्घ्य के साथ हुआ। नावागढ़ का सुप्रसिद्ध बड़ा तालाब, नावागढ़ बस्ती स्थित गढ़ पोखर, जलहरी तालाब, बाँसजोडा स्थित तरवा बाँध, मरघटी तालाब, फुलारीटांड़ स्थित तेलीपोखर एवं मंगरा हटिया स्थित देवान बाँध समेत विभिन्न छठ घाटों पर श्रद्धालुओं ने सूर्य आराधना कर परिवार व समाज की सुख-समृद्धि की कामना की।

छठ के मद्देनज़र नावागढ़ मोड़ एवं आसपास के घाटों पर विशेष साफ-सफाई, आकर्षक प्रकाश व्यवस्था और साज-सज्जा की गई थी। प्रातःकालीन अर्घ्य के दौरान बड़ी संख्या में छठव्रती और श्रद्धालु उपस्थित रहे।

छठ पर्व भारतीय संस्कृति में देव-पूजन तथा प्रकृति के प्रति आस्था का अनूठा उदाहरण है। इस पर्व में 36 घंटे निर्जला उपवास रख छठव्रती अपने परिवार और संबंधियों की मंगलकामना के लिए डूबते और उदय होते सूर्य दोनों को अर्घ्य देती हैं।

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